इमोशनल ब्लैकमेलिंग।

गांधी वह हस्ती थे,
जिन्होंने हिंदुओं को विधर्मियों के हाथों, क़त्ल और संतुष्ट होने तक बलात्कार झेलने की सलाह दी थी ! गांधी ने सत्य और न्याय की भीख मांगते हिंदुओं का कभी साथ नहीं दिया, बेशक हिंदुओं को मूर्ख बनाने के लिए #रामराज्य' की पीपनी बजाते रहे और मुसलमानों की हर नाजायज़ मांग को, अनशन और भूख हड़ताल जैसी इमोशनल ब्लैक मेलिंग कर, मनवाते रहे ! इसी धींगामुश्ती में वह परमानेंट #राष्ट्रपिता की पोस्ट पा गए !!
** **
मोहनदास करमचंद गांधी को गोली लगी, भीगे अनाज की बोरी की तरह वहीँ गिर पड़े, मुँह से कोई बोल फूटा ही नहीं, लेकिन किसी चालाक कांग्रेसी ने उड़ा दिया कि मरते समय 'हे राम' बोला था, तब हिंदुओं ने बेवजह ही गांधी को अपना आदर्श सनातन नेता मान लिया ! कवि प्रदीप ने तो एक 'हे राम' कहते हुए भजन ही ठोक दिया....।
*कवि प्रदीप ने ही एक गाना और लिखा 'ज़रा आँख में भर लो पानी'...
लता जी ने लाल किले के मंच से उपरोक्त गीत गाया, सभा में #आशिक_सम्राट नेहरू भी था ! कार्यक्रम के उपरांत नेहरू ने लता जी से कहा कि 'तुम्हारा गाना सुनकर मेरी आँखों में आंसू आ गए ' किसी प्रत्यदर्शी ने मौके पर नेहरू को रोते,आंसू बहाते नहीं देखा था लेकिन झूठ को प्रचारित कर चीन युद्ध में मारे गए हज़ारों सैनिकों की मौत के ज़िम्मेदार को देशप्रेमी बता दिया गया और उसी झूठ को आज भी ढोया जा रहा है।
** **
*ऐसा ही एक झूठ है कि अटल बिहारी बाजपेयी ने 1971 के बांग्ला युद्ध के दौरान संसद में इंद्रागांधी को #दुर्गा  कहा था ! लोकसभा के मिनट्स में इसका कोई उल्लेख नहीं है, बाजपेई जी ने स्वयं कहा कि मैंने इंद्रा को कभी दुर्गा नहीं कहा परंतु  भाजपाई तक इस कांग्रेसी झूठ को ढो रहे हैं।
** **
*हद हो गई, अफवाहों से ही इस देश का इतिहास बना है ! जैसे औरंगज़ेब टोपी सी कर अपना भरण पोषण करता था।हत्यारे औरंगज़ेब की लाखों हिंदुओं की हत्याओं- जज़िया और धर्मपरिवर्तन की सच्चाई को गायब कर दिया गया, और सुन लीजिए अकबर तक 'महान' था, ब्राह्मण  सिर्फ इस झूठ पर पांच दशक तक कांग्रेस को वोट देते रहे कि गांधी परिवार #ब्राह्मण है !!
**  **
अफवाहें ही इस देश में सच बन गईं जैसे बिकाऊ ख़बरण्डी कहते हैं कि अम्बेडकर #फ्रीडम_फाइटर थे और मुसलमानों ने आज़ादी की लड़ाई में भाग लिया !!
अफवाहों के आधार पर ही मदरसा शिक्षित अबुल कलाम आज़ाद स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षामंत्री बन बैठे,जिन्हें हिंदी और इंग्लिश तक लिखना नहीं आता था।
*यह भी अफवाहें ही थी जिसमे भोले हिंदू, इस्लाम को भाई-चारे और मानवता का #धर्म समझते रहे, करोड़ों हिंदुओं को साम-दाम-दंड-भेद से इस्लाम का कलमा इसी इस्लाम ने पढ़वाया ! कश्मीर और भारतीय उपमहाद्वीप में फैले 75 करोड़ उग्र और धर्मांध शांतिदूत हमारी नासमझी का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं !

Comments

Popular posts from this blog

ढोल गंवार शूद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी

अमावास्या के स्वामी 'पितर'