हिंदुस्तान में हिन्दू।

देश में सबके लिए एक कानून क्यों नही ?
कोई तीन -चार शादियां करे , हम एक ?
हम वंदे मातरम गाएँ , वो बैठै रहें , कहते हैं ईस्लाम के खिलाफ है।
हिन्दू अमरनाथ यात्रा पर टैक्स दे, और वो हजयात्रा हमारे टैक्स के पैसे से करे  ?
हमें 9 बजे गणपति पूजा पर लाऊड स्पीकर बंद करने को बोलें , औऱ वो पॉचों टाईम , सुबह 4 बजे अजान से मेरी नींद तोंडें ?
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क्या ये हिन्दुओँ के खिलाफ ऩही है ?
हिन्दू अपने बच्चों को मेहनत का पैसा खर्च कर स्कूल में मॉर्डन एडुकेशन पढाते हैं, और
सरकार पैसा देती है मदरसों को ईस्लाम पढाने के लिए , आखिर क्यों??
सोनू निगम,अक्षय कुमार, अनुपम खेर ., कंगना,अभिजीत आदि सभी खुलकर छद्म सेक्युलेरिज्म पर बोल रहे हैं ,
आप लोग कब बोलोगे ,?
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आई वॉन्ट कॉमन सिवील कोड।
कानून सब के लिए एक....।।
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म्यांमार से भागा रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश क्यों नहीं जाता, भारत क्यों आता है?
सीरिया से भागा मुसलमान सऊदी अरब या ईरान क्यों नहीं जाता, यूरोप और इंग्लैंड कैसे पहुँच जाता है?
फिलिस्तीन पर रोने वाले इतने मुस्लिम देशों में कोई भी इस फिलिस्तीनियों को कभी शरण क्यों नहीं देता?
दुनिया भर में कहीं भी मार-काट मचा कर भागे मुसलमानों को शरणार्थी बनने के लिए कोई यहूदी, हिन्दू या ईसाई पश्चिमी देश ही क्यों याद आते हैं?
यह शरण मांगना भी एक लड़ाई है. ये भागे हुए लोग नहीं हैं...ये जहाँ भी हैं, अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं और ज्यादा सफल तरीके से लड़ रहे हैं. आखिरी मकसद है ज़मीन पर कब्ज़ा...काफिरों की ज़मीन पर अल्लाह के बंदों का कब्ज़ा. यह रिफ्यूजी-जिहाद है...शरण में आये लोग नहीं...भूखा बच्चा, बदहाल औरत, लाचार आदमी...ये सभी इनके एक्सपेंशन के हथियार है..
स्पेन के लोगों को अब पता चला,कि हत्या का इरादा हो तो हथियार तो हवा में से भी पैदा हो जाते है।
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ये हिंसा व्यक्ति की नही "विचार" की है..
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सबसे बड़ा उदाहरण है भारत। उसी जाति के लोग हिंदू भी है और मुसलमान भी। मुसलमान बन गए उसी जाति के लोग अरब के क़बिलाई व्यक्ति की तरह ही बन गए है।
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तो बदला क्या?   विचार।
हिंदू ऑपरेटिंग सिस्टम की जगह इस्लाम ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल हो गया।
विचार मारते है।
इस्लाम नाम के विचार को जब तक समाप्त नहीं किया जाता, ऐसे ही फ़ुट्पाथ से अपनो के शव खुरचते रहेंगे काफ़िर।
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और समाप्त करने का एक मात्र तरीक़ा है कि मज़हब के बुर्क़े में छुपे इस माफ़िया गैंग का सच जाने, सच फैलायें।
ख़ून पीने वाली जोंक पर नमक छिड़क दो वो मर जाती है। सच इस्लाम के विरुद्ध नमक हथियार हैं...
महर्षि चरक ने चरक संहिता में लिखा है "जो रोग जहाँ उत्पन्न होता है उसकी औषधि वहीँ मौजूद होती है"..
आतंकवाद का रोग 72 हूरों वाले अंधविश्वास की वजह से जन्म लेता है और इसका इलाज भी अन्धविश्वास से ही होगा..
आतंकियों के शवों को कूड़े के ढेर में जलाना पड़ेगा जिससे उनकी जन्नत वाली फ्लाइट पंक्चर हो..।।

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