मैं मै अब बकरी बन गया।

जब भी आप भटकें, आप का मन भटकें, आप इन महापुरुषों, बापू आसाराम,राम रहीम इंसा का तुरंत ध्यान करे। आप का बुराइयों के प्रति आकर्षण तुरंत काफूर हो जायेगा। ।****
खट्टर के जाल मे फसा बाबा, नही तो कोर्ट मे पेशी के लिये रहीम को सिरसा के किलेनुमा डेरे से बाहर निकालना बहुत मुश्किल व जोखिम भरा काम होता।
मीडिया के और हरियाणा सरकार के मेरे कुछ गुप्त और विश्वस्त सूत्रों से एक नई और रहस्यमयी जानकारी सामने आई है, जो लोग हरियाणा सरकार को पंचकूला में लोग इक्क्ठा होने देने पर बुरा भला कह रहे हैं, उनकी बोलती ये बात सुनकर बंद होनी निश्चित है। बिकाऊ मीडिया के पत्रकार भी इस लेख को आँखे फाड़ फाड़कर पढ़ लें।
असल में हरियाणा सरकार ने बेहद सोची समझी रणनीति के तहत बाबा रहीम को सिरसा वाले डेरे से बाहर निकालने का प्लान बनाया, ऐसा प्लान जिसके बारे में किसी को भनक नही लगने दी गयी, बता दूं कि कुछ बडी संख्या में भक्तलोग पंचकूला आये तभी बाबा रहीम कोर्ट तक आये वार्ना उनका इरादा सिरसा के बड़े डेरे में ही रहने का था।
बाबा रहीम को विश्वास हो गया कि पंचकूला में बड़ी मात्रा में उनके भक्त मौजूद हैं, इसलिए वे बड़ी ही निडरता से कोर्ट तक आये, हालांकि डर तब भी इतना था कि 700 - 800 गाड़ियों का काफिला साथ लिया गया।
उसके बाद जैसे ही उन्हें सजा हुई, उनके साथ आये अंग रक्षकों और बाबा रहीम के करीबियों ने उन्हें अपनी गाड़ी में बिठाना चाहा ताकि वहां से किसी तरह बाहर निकाला जा सके, इस चक्कर में उनके एक व्यक्ति ने IG रैंक के अफसर को थप्पड़ भी मार दिया, लेकिन हरियाणा सरकार पूरी तरह मुस्तैद थी और तुरंत कार्यवाही करके वहां मौजूद बाबा रहीम के लोगों की हरियाणा पुलिस ने जमकर ठुकाई की, और वहां भी बाबा को निकल भागने का प्लान फेल कर दिया गया।
जो अक्ल से पैदल लोग इसे हरियाणा सरकार की विफलता मान रहे हैं उन्हें बता दूं और वे खुद भी कल्पना कर सकते हैं कि यदि पुलिस को सजा के बाद बाबा रहीम को सिरसा से उठाकर लाना पड़ता तो सैकड़ों हजारों की संख्या में लोगों की जान जा सकती थी, जिन लोगों ने सिरसा डेरा देखा है, उन्हें वहां बाबा रहीम की ताकत का अंदाजा होगा यदि नही है तो बता दें जब बाबा रहीम ने गुरु गोविंद सिंह का वेश बनाकर सिक्ख भाइयों से पंगा लिया था तो इसी सिरसा की ताकत की वजह से वे सिक्ख भाइयों तक के प्रकोप से बच गए थे।
शेर को उसकी मांद से बाहर निकालकर उसका शिकार किया गया, वहां किया गया जहां उसकी ताकत सिरसा के मुकाबले 5 % थी।
निष्कर्ष ये है कि इस मुद्दे को जिस तरह हरियाणा सरकार ने संभाला वो अपने आप में बहुत बड़ी सफलता है, वर्ना 30 -35 नहीं बल्कि हजारो जानों का जोखिम हो जाता।
खट्टर सरकार द्वारा बलात्कारी दिलाने के लिए बहुत बहुत बधाई।

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