ट्रेन हादसा:~ साजिश या लापरवाही।

मीडिया ने सिर्फ एक चश्मदीद के बयान पे ये डिक्लेयर कर दिया कि रेल पे मरम्मत का काम चल रहा था और बारिश आ गयी तो रेल कर्मी खुली पटरी छोड़ भाग गए और उधर से 105 किमी. की स्पीड से रेल आ गयी ।
रेलवे का काम करने का एक तरीका है जिसे सख्ती से पालन किया जाता है ।
PWI मने Permanent Way Inspector नामक एक सीनियर अधिकारी जिसे 15 से 20 साल का अनुभव होता है वो रेल की पटरियों का निरीक्षण करता है ।
किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाए तो उसे अपने सीनियर अधिकारी को रिपोर्ट करता है ।
फिर विभाग इंजीनियरिंग विभाग को सूचित करता है ।
इंजीनियरिंग वाले ट्रैफिक को सूचित करते हैं और उनसे आवश्यकतानुसार ब्लाक या कॉशन लेते हैं ।
इस ब्लाक या कॉशन   की सूचना ट्रैफिक विभाग ASM यानी असिस्टेंट स्टेशन मास्टर  को देता है ।
उसी हिसाब से फिर ASM ट्रेनों का परिचालन करता है ।
परिस्थिति के अनुसार अगर ब्लाक हो तो दो तीन घंटे के लिए सभी गाड़ियां रोक दी जाती हैं या फिर अगर कॉशन हो तो 10 , 20 या 30 किमी. की रफ़्तार से प्रभावित एरिया से गाड़ी निकाली जाती है ।
स्टेशन पे गाड़ी रोक के बाकायदा आगे आने वाले सभी कॉशन की लिखित सूचना गाड़ी के ड्राईवर को दी जाती है और साथ ही पटरी पे भी चेतावनी और रफ़्तार गति  के चिन्ह लगाए जाते हैं । इसके साथ ही मरम्मत दल के साथ पुनः एक सीनियर अधिकारी हमेशा मौजूद रहता है जो नियमानुसार गाड़ियों का परिचालन करता है ।
वो जगह जहां मरम्मत चल रही है वहां आ के गाड़ी रुकती है । ड्राईवर मरम्मत कर्मी के पास मौजूद एक रजिस्टर में हस्ताक्षर करता है । उसके बाद सिग्नल मिलने पे गाड़ी धीरे धीरे निकाली जाती है ।
मानवीय भूल या लापरवाही कोई एक दो व्यक्ति तो कर सकते है , पर इतने सारे बिभाग और वो जहां बीसियों पचासों लोग शामिल हों , वहां इतनी बड़ी मानवीय चूक संभव नही ।
इसलिए प्रथम दृष्टया ये मानवीय भूल या रेलवे की लापरवाही का मामला कम से कम मुझे तो नही लगता ।
मीडिया ने फिर मामले की जांच किये बिना निष्कर्ष पर आ गई और आतंकी हमले के सबुत को दबाने के लिए ही ये मरम्मत और रेलवे की लापरवाही घोषित कर दी है ।
इतने बड़े पैमाने पे , इतना बड़ा सिस्टेमेटिक फैलिएर संभव नही ।
रेलवे की जांच सामने आने दीजिये । किसी जिम्मेवार रेलवे अधिकारी के बयान के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी ।
ये भी संभव है कि sabotage करने वाले और fish plate उखाड़ने वाले आतंकी रेल कर्मियों के भेष में हों । जिस से स्थानीय लोग धोखा खा गए ?????
पर दिन दहाड़े ऐसा दुस्साहस ????????

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