आज के भारत का यथार्थ......

आज के भारत का यथार्थ......
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#) हर रिश्वततखोर सवर्ण नही है ।

#) हर बाबा ब्राह्मण नही है ।

#) महात्मा बुद्ध ने मूर्तिपूजा और ईश्वरीय पाखंड का विरोध किया उन्ही की आज मूर्ति बनाकर पूजा हो रही है।

#) मनुवाद का विरोध करने वाले नोटों की माला पहनने लगे हैं ।

#) आज का "समाजवाद" जैक्लीन फर्नांडीज, करीना कपूर और सनी लियोनी के ठुमको पर जन्मदिन मना रहा है।

#) पिछड़े की राजनीति करने वाले 750 करोड़ का शॉपिंग मॉल बनाने लगे हैं ।

#) 35 साल कलकत्ता में राज करने के पश्चात भी साम्यवाद सोनागाछी में एशिया का सबसे बड़ा चकलाघर समाज को देकर गया है।

#) कश्मीर में भारत का बंगाली या बिहारी नही बस सकते पर म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान को दामाद बना कर बसाया जा रहा है।

#) गोरखपुर, में बच्चे सिर्फ इसी साल ही तो मर रहे हैं।

#) गरीबी तो 1970 में ही इंदिरा खत्म ही कर गयी थी।

#) गैस चाहिए 2002 के रेट से, पर तनख्वाह 2016 के सातवें वेतन आयोग से चाहिए।

#) टमाटर सस्ता मिले तो सरकार कातिल; महँगी हो जाए तो संवेदनहीन।

#) राष्ट्र से पहले इस्लाम, वन्देमातरम हराम, भारत माता की जय हराम।

#) मदरसे के छात्र और शिक्षक मोबाइल में पोर्न मूवी देखकर बन रहे इमाम।

#) अखलाक से पहले किसी की हत्या नही हुई, और रोहित से पहले आत्महत्या नही।

#) पाकिस्तान लेकर भी कहते हैं की दोनों का खून मिला है इस मिटटी में।

#) जिन कश्मीरी पंडितो को अपने हिस्से के कश्मीर के लिए हथियार उठाना चाहिए, वे मुन्नी बदनाम हुई वाला गाना सुन रहे हैं, और जिन्होंने उनकी बहु बेटियों की जांघो पर पाकिस्तान जिंदाबाद लिखा उन्हें रौंदा! वे अरुन्धंती रायों द्वारा आज़ादी समर्थक कहला रहे है।

#) कांग्रेस इतनी गिरी कुचली हो गयी की मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान, चीन की मदद मांग रही है।

#) जिनकी उमर घाघरे की गुलामी में बीत गयी, वे भक्त होने के मायने सीखा रहे है।

#) फटा कुरता दिखाने वाले थाईलैंड में मनन कर रहे है।

#) भाई के खाते में 100 करोड़ जमा करने वाली 10 लाख के कोट का हिसाब मांग रही है।

#) श्रीराम सांप्रदायिक हो रहें है तैमुर सेक्युलर हो चुके हैं।

#) भारत मे डरे हुए लोग राम मंदिर बनने नही दें रहे हैं।

#) "सतीप्रथा" एक कुप्रथा थी पर "हलाला" तो खुदा का नूर बताया जा रहा है।

#) अंध विश्वास पर चर्चा करने वाले चैनेल ही समोसे से कृपा आने का प्रचार दिखा रहे हैं।

#) कभी इंसान को "शूद्र" कहकर प्रताड़ित करना तो याद है, पर इंसान को "मुशरिक" और "काफिर" कहकर गर्दन उड़ाना याद नही।

#) और उधर दिल्ली के "युगपुरुष" आम आदमी  को ऐसी गाली बना गए कि "आम आदमी" कहने पर लगता है कि कोई गाली दे रहा है।
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#) हर रिश्वततखोर सवर्ण नही है ।

#) हर बाबा ब्राह्मण नही है ।

#) महात्मा बुद्ध ने मूर्तिपूजा और ईश्वरीय पाखंड का विरोध किया उन्ही की आज मूर्ति बनाकर पूजा हो रही है।

#) मनुवाद का विरोध करने वाले नोटों की माला पहनने लगे हैं ।

#) आज का "समाजवाद" जैक्लीन फर्नांडीज, करीना कपूर और सनी लियोनी के ठुमको पर जन्मदिन मना रहा है।

#) पिछड़े की राजनीति करने वाले 750 करोड़ का शॉपिंग मॉल बनाने लगे हैं ।

#) 35 साल कलकत्ता में राज करने के पश्चात भी साम्यवाद सोनागाछी में एशिया का सबसे बड़ा चकलाघर समाज को देकर गया है।

#) कश्मीर में भारत का बंगाली या बिहारी नही बस सकते पर म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान को दामाद बना कर बसाया जा रहा है।

#) गोरखपुर, में बच्चे सिर्फ इसी साल ही तो मर रहे हैं।

#) गरीबी तो 1970 में ही इंदिरा खत्म ही कर गयी थी।

#) गैस चाहिए 2002 के रेट से, पर तनख्वाह 2016 के सातवें वेतन आयोग से चाहिए।

#) टमाटर सस्ता मिले तो सरकार कातिल; महँगी हो जाए तो संवेदनहीन।

#) राष्ट्र से पहले इस्लाम, वन्देमातरम हराम, भारत माता की जय हराम।

#) मदरसे के छात्र और शिक्षक मोबाइल में पोर्न मूवी देखकर बन रहे इमाम।

#) अखलाक से पहले किसी की हत्या नही हुई, और रोहित से पहले आत्महत्या नही।

#) पाकिस्तान लेकर भी कहते हैं की दोनों का खून मिला है इस मिटटी में।

#) जिन कश्मीरी पंडितो को अपने हिस्से के कश्मीर के लिए हथियार उठाना चाहिए, वे मुन्नी बदनाम हुई वाला गाना सुन रहे हैं, और जिन्होंने उनकी बहु बेटियों की जांघो पर पाकिस्तान जिंदाबाद लिखा उन्हें रौंदा! वे अरुन्धंती रायों द्वारा आज़ादी समर्थक कहला रहे है।

#) कांग्रेस इतनी गिरी कुचली हो गयी की मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान, चीन की मदद मांग रही है।

#) जिनकी उमर घाघरे की गुलामी में बीत गयी, वे भक्त होने के मायने सीखा रहे है।

#) फटा कुरता दिखाने वाले थाईलैंड में मनन कर रहे है।

#) भाई के खाते में 100 करोड़ जमा करने वाली 10 लाख के कोट का हिसाब मांग रही है।

#) श्रीराम सांप्रदायिक हो रहें है तैमुर सेक्युलर हो चुके हैं।

#) भारत मे डरे हुए लोग राम मंदिर बनने नही दें रहे हैं।

#) "सतीप्रथा" एक कुप्रथा थी पर "हलाला" तो खुदा का नूर बताया जा रहा है।

#) अंध विश्वास पर चर्चा करने वाले चैनेल ही समोसे से कृपा आने का प्रचार दिखा रहे हैं।

#) कभी इंसान को "शूद्र" कहकर प्रताड़ित करना तो याद है, पर इंसान को "मुशरिक" और "काफिर" कहकर गर्दन उड़ाना याद नही।

#) और उधर दिल्ली के "युगपुरुष" आम आदमी  को ऐसी गाली बना गए कि "आम आदमी" कहने पर लगता है कि कोई गाली दे रहा है।

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