एक बार जन्नत में......

एक बार जन्नत में......एक बार जन्नत में......
सभी हूरें TV देख रही थीं। तो वहाँ डिस्कवरी चैनल में जींस पहने गोरे गोरे अमरीकी लड़को को देखकर हूरें खुश हुईं और पास ही अपनी खटिया पर पड़े अल्लाह मियाँ से बोलीं.... "हुज़ूर क्या ये लोग हमारे वास्ते जन्नत में आयेंगे ?"
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अल्लाह मियाँ अपना हुक्का गुड़गुड़ करते हुए टेढ़ी आँख करते हुए बोले.. "नहीं !! "
तो हूरों ने निराश होकर चैनल बदला और Colors चैनल में हिन्दी टीवी सीरियल के हैंडसम और संस्कारी लड़के देखकर हूरें फिर खुशी से झूम उठीं और अल्लाह मियाँ से पूछा ..."हुज़ूर ! क्या ये लोग हमारे वास्ते जन्नत में आयेंगे ? "
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अल्लाह मियाँ फिर उसी अंदाज़ में बोले " अरे नहीं ! कम्बख्तों ! ये सब जहन्नुम में जलने वाले काफिर लोग हैं ।"
तब हूरों ने मायूस होकर अल्लाह मियाँ से पूछा..."तो अल्लाह पाक......हमारे वास्ते जन्नत में कौन आयेगा ? "
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अल्लाह मियाँ ने ताव में आकर कहा "पीस TV या "अल-जजीरा" लगाओ तुम्हारे वास्ते जन्नत में आने वाले लोग उसमें तैयार हो रहे हैं ".....
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फिर तो हूरें खुश हो गईं और फटाफट चैनल बदला और चैनलों को देखकर ही उनके होश उड़ गए और अल्लाह से बोलीं " छी छी ! क्या ये लम्बी लम्बी दाढ़ीयों और टोपीयों वाले बदबूदार लोग हमारे वास्ते जन्नत में आयेंगे ? इय्यक !! थू !! "
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अल्लाह मियाँ गुस्से में बोले " चुप बेगैरतों ! अपने शौहरों का नाम इज्जत से लो वर्ना फनाह कर दूँगा " बड़ी आईं काफिरो को पसंद करने वाली.....हुंह !!!!

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