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Showing posts from August, 2017

हिन्दू शब्द की उत्पत्ति

कुछ लोग कहते हैं की हिन्दू शब्द फारसियों की देन है । क्यूंकि इसका उल्लेख वेद पुराणों में नहीं है। मेरे सनातनी हिन्दू भाईयों, इन जैसे लोगों का मुंह बंद करने के लिये आपके सन्मुख हजारों वर्ष पूर्व लिखे गये सनातन शास्त्रों में लिखित चंद श्लोक (अर्थ सहित) प्रमाणिकता सहित बता रहा हूँ । आप सब सेव करके रख लें, और मुझसे या आप से यह सवाल करने वाले को मेरा जवाब भी देख लें ! *1-ऋग्वेद के ब्रहस्पति अग्यम में हिन्दू शब्द का उल्लेख इस प्रकार आया है......!* *"हिमलयं समारभ्य यावत इन्दुसरोवरं ।* *तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते ।।* *(अर्थात हिमालय से इंदु सरोवर तक देव निर्मित देश को हिंदुस्थान कहते हैं)* *2- सिर्फ वेद ही नहीं.... बल्कि.. मेरूतंत्र ( शैव ग्रन्थ ) में हिन्दू शब्द का उल्लेख इस प्रकार किया गया है.....* *"हीनं च दूष्यतेव् हिन्दुरित्युच्च ते प्रिये ।"* *(अर्थात... जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिन्दू कहते हैं)* *3- और इससे मिलता जुलता लगभग यही यही श्लोक कल्पद्रुम में भी दोहराया गया है....!* *"हीनं दुष्यति इति हिन्दू ।"* *...

मैं मै अब बकरी बन गया।

जब भी आप भटकें, आप का मन भटकें, आप इन महापुरुषों, बापू आसाराम,राम रहीम इंसा का तुरंत ध्यान करे। आप का बुराइयों के प्रति आकर्षण तुरंत काफूर हो जायेगा। ।**** खट्टर के जाल मे फसा बाबा, नही तो कोर्ट मे पेशी के लिये रहीम को सिरसा के किलेनुमा डेरे से बाहर निकालना बहुत मुश्किल व जोखिम भरा काम होता। मीडिया के और हरियाणा सरकार के मेरे कुछ गुप्त और विश्वस्त सूत्रों से एक नई और रहस्यमयी जानकारी सामने आई है, जो लोग हरियाणा सरकार को पंचकूला में लोग इक्क्ठा होने देने पर बुरा भला कह रहे हैं, उनकी बोलती ये बात सुनकर बंद होनी निश्चित है। बिकाऊ मीडिया के पत्रकार भी इस लेख को आँखे फाड़ फाड़कर पढ़ लें। असल में हरियाणा सरकार ने बेहद सोची समझी रणनीति के तहत बाबा रहीम को सिरसा वाले डेरे से बाहर निकालने का प्लान बनाया, ऐसा प्लान जिसके बारे में किसी को भनक नही लगने दी गयी, बता दूं कि कुछ बडी संख्या में भक्तलोग पंचकूला आये तभी बाबा रहीम कोर्ट तक आये वार्ना उनका इरादा सिरसा के बड़े डेरे में ही रहने का था। बाबा रहीम को विश्वास हो गया कि पंचकूला में बड़ी मात्रा में उनके भक्त मौजूद हैं, इसलिए वे बड़ी ही निडरत...

ढोल गंवार शूद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी

खंडन -- ढोल गंवार शूद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी। ढोल गंवार शूद्र पशु नारी , सुन्दर काण्ड की इस चौपाई को लेकर तुलसीदास की आलोचना बहुत बार होती रही है। विडंबना यह है कि मानस  के बहुत से ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक प्रसंगों के बावजूद भी हमें उनकी यही चौपाई सब से अधिक दिखती है। इस एक चौपाई की व्याख्या करते समय हम , काल , समय , स्थान और  सन्दर्भ सब भुला बैठते हैं। आज कल की पीढ़ी जो फेसबुक से ज्ञान धारोष्णदुग्ध की तरह पान करती है , शायद ही तुलसी के इस  अमरग्रन्थ को आद्योपांत पढ़ा हो। हाँ  चौपाई  को वे ज़रूर यादरखते हैं और उसी आधार पर  तुलसी का मूल्यांकन भी  करतेहैं। #इसका_खंडन_करने से पहले एक दोहा उसी संत तुलसीदास रचित रामचरित से देखते है -- “एक नारिब्रतरत सब झारी। ते मन बच क्रम पतिहितकारी।“ मतलब पुरुष के विशेषाधिकारों को न मानकर तुलसीदास ने दोनों को बराबर एक ही व्रत को पालन करने के लिए कहा है। #तो_क्या_संत_तुलसीदास_स्त्री_दलित_विरोधी_थे -- प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्ही। मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्ही॥ ढोल गंवार सूद्र पसु नारी। सकल #तारना के...

एक सवाल.....!

एक सवाल मन में कौंध रहा है ______________________ कौन लोग होते हैं आशाराम बापू के लिए बेसुध होकर रोने वाले राम रहीम के लिए कुछ भी फूंकने वाले राधे मां का फाइव स्टार आशीर्वाद लेने वाले राम पाल के लिए अपनी जान तक दे देने वाले निर्मल बाबा की हरी चटनी खाकर अरबपति बन जाने वाले कुछ जबाव सामने आ रहे हैं ______________________ दरअसल इस भीड़ के मूल में दुःख है, अभाव है, गरीबी है, शारीरिक मानसिक शोषण है और कुछ हो जाने की तमन्ना है. ये एक ऐसा विश्वास है जिस पर आडंबरों की फसल लहलहाती है और आप जरा ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि ऐसे भक्तों की संख्या में ज्यादा संख्या महिलाओं, गरीबों, दलितों और शोषितों की है. इनमें कोई अपने बेटे से परेशान है तो कोई अपने बहू से, किसी का जमीन का झगड़ा चल रहा तो किसी को कोर्ट-कचहरी के चक्कर में अपनी सारी जायदाद बेचनी पड़ी है, किसी को सन्तान चाहिए, किसी को नौकरी ! यानी हर आदमी एक तलाश में है. ये भीड़ रूपी जो तलाश है. ये धार्मिक तलाश नहीं है. ये भौतिक लोभ की आकांक्षा में उपजी तलाश है. जिसे स्वयँ की तलाश होती है वो उसे भीड़ की जरूरत नहीं उसे तो एकांत की जरूरत होती ...

यौन शोषक बाबा , कमजोर मुख्यमंत्री और लालची संपादक :-

आज सुबह दैनिक भास्कर के मुख्य पृष्ठ पर रामरहीम गुरमीत सिंह से जुड़ी खबर के साथ यह सम्पादकीय देखा तो मन मे कई प्रश्न खड़े हो गए । कल शाम से न्यूज चैनल्स से ले कर आज सुबह के समाचार पत्रों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को 'बलि का बकरा' बनाने का प्रयास हो रहा है , जो 'सेलेक्टिव' दोषारोपण का जीता जागता उदाहरण है । दैनिक भास्कर के संपादक कल्पेश जी की कलम का मुरीद हूँ । उनका प्रत्येक सम्पादकीय या आलेख, मुझे हमेशा नया द्रष्टिकोण प्रदान करते रहे है । लेकिन आज के संपादकीय में न जाने क्यों वे मुझे एकपक्षीय नजर आए । वे लिखते है "वोटों के लिए कोई सरकार यौन अपराधी से जुड़ सकती है ,विश्वास नही होता।" मैं कहता हूं कि "पैसों के लिए लालची मालिक या संपादक भी यौन अपराधी से जुड़ सकता है , विश्वास नही होता।" कल पंचकूला में हुई हिंसा के दौरान लफंगे रामरहीम के गुंडों ने न्यूजचैनलों के रिपोर्टरों एडिटरों को जमकर पीटा, उनके कैमरों, वाहनों, ओबी वैनों को तोड़कर आग के हवाले किया। इसका नतीजा वही निकला जो निकलना था। दिल्ली ,नोयडा ,मुम्बई के एयरकंडीशंड न्यूजचैनली स्टू...

देश आगे कैसे बढ़े??

😔 जब विदेशी वस्तु status symbol हो.... और स्वदेशी cheap लगे.... तो देश आगे कैसे बढे ?? 😔 जब नहाने के बाद deo लगाना जरुरी.... और भगवान के सामने सर झुकना boring लगे.... तो देश आगे.....?? 😔 जब dirty picture को नैशनल अवार्ड मिले.... और पान सिंह तोमर फ्लॉप रहे... तो देश आगे कैसे बढे ?? 😔 जब देश का युवा malls में जेब कटवाए.... और बाहर ठेले पे मोल भाव करे... तो देश आगे कैसे बढे ?? 😔 जब युवाओं को हिंदी बोलने में घिन आये.... और देश के सेकुलर अंग्रेजी को सर्वश्रेष्ठ भाषा कहे.... तो देश आगे कैसे बढे ?? 😔 गर्लफ्रेंड के लिए कविताएं लिखने वाला युवा.... अगर देश की स्थिति पे मौन रहे... तो देश आगे कैसे बढे ?? 😔 ''माँ तुम्हे कुछ चाहिए" जब ये पूंछने की जरुरत ना रहे.... और वेलेंनटाइन डे पर गर्लफ्रेंड को गिफ्ट देना जरुरी हो जाये.... तो देश आगे कैसे बढे ?? 😔 धर्म निरपेक्षता के नाम पर किसी को ठगा जाए.... और हम शांत रहे.... तो देश आगे कैसे बढे ?? 😳 स्वदेशी मिठाई देहाती लगे, विदेशी चाकलेट से त्योहार मनाया जाए, तो देश कैसे आगे --  😔 पुस्तकें फूटपाथ पर ...

गुरु या घंटाल

*पहले रामपाल अब राम रहीम... कांग्रेस के बोये बबूल के बीजो के पेड अब भाजपा को काटने पड रहे है।* *ये गुरमीत राम रहीम सिंह भी कांग्रेस नेता हरमिंदर सिंह जस्सी का सगा समधी है।* 70 और 80 के दशक में ही पंजाब केसरी के संपादक लाला जगत नारायण ने पंजाब और हरियाणा में बढ़ते डेरा कल्चर पर रोक लगाने के लिए संपादकीय में बहुत लिखा.. वह कहते थे आज नहीं तो कुछ दशकों बाद यह कुकुरमुत्ते की तरह उगे डेरे देश की कानून व्यवस्था के लिए सिरदर्द बन जाएंगे। *तब कांग्रेस की सरकारों ने डेरो को अपने सियासत के फायदे के लिए इस्तेमाल किया और सब डेरों के बढ़ते प्रभाव पर शांत बैठे रहे और आज लाला जगत नारायण की बात सच साबित हुई।* 70-80 के दशक में ही डेरे कल्चर की शुरुवात हुई, राधा स्वामी, संत रामपाल, डेरा सच्चा सौदा, राधे माँ, आशुतोष महाराज ये सब आपको पंजाब हरियाणा में ही मिलेंगे *लाला जगत नारायण कहते थे की, ये लोग धर्म और देश दोनों के लिए घातक सिद्ध होंगे। पर यही तो कांग्रेस की मुख्य सोच है, हिन्दू धर्म और देश को बर्बाद करना।* ये जितने भी संत रामपाल, गुरमीत राम रहीम इत्यादि है ये सभी स्वयंभू पैगम्बर है, खुद ...

बाबा रे बाबा•••

मैं बाबा रामरहीम को नही जानता और न ही जानना चाहता हूं। उसने किसी महिला के साथ बलात्कार किया है या नही इसकी सत्यता भी मैं नही जानना चाहता हूं। हालांकि वह न्यायालय द्वारा अपराधी घोषित कर दिये गये है लेकिन मुझे इससे भी कोई फर्क नही पड़ रहा है। मैं अभी आश्चर्यजनक रूप से, अपने को बाबा रामरहीम के साथ पाता हूँ। मैं आज सत्य असत्य, न्याय अन्याय दोनो के ही परे अपने को ऐसी जगह खड़ा पाता हूँ जहां इनके बीच की लकीर ही मिटी हुयी दिख रही है। आज मेरे साथ जो कुछ भी हो रहा है, उसमे मेरा कोई दोष नही है। यदि है भी तो वह उस अनुभव के कारण है जो भूतकाल में यूपीए के 10 वर्ष कार्यकाल में मिला है जब उनके हिन्दू विरोधी शासन और उसके आगे नाक रगड़ते प्रशासन व न्याय व्यवस्था को देखा है। उसका ही परिणाम यह रहा है की यूपीए के ही कार्यकाल से न्यायलय का न्याय बड़ा सलेक्टिव रहा है। जहां एक तरफ न्यायालय जामा मस्जिद के इमाम, जिस पर 50 से अधिक वारंट है गिरफ्तार कराने की हिम्मत नही कर पाती है, चर्चो पर फ़र्ज़ी तोड़फोड़ साबित होने पर व उनके पादरियों द्वारा बलत्कार की घटनाओं से मुंह मोड़ते दिखती है वही हिन्दू धर्म के बाबाओ, आचार्यो, स...

तू ही है 'नज़र ' मेरी, तू ही नज़ारा

तू ही है 'नज़र ' मेरी, तू ही  नज़ारा  तू ही दिल की 'धड़कन', तू ही दिल हमारा  क्यों ना मचले ये दिल,जो दिल की है बात क्यों ना बहकें हम भी, जो बहकी है रात तू ही मेरा 'चांद', और तू ही मेरा तारा  तू ही दिल की 'धड़कन', तू ही दिल हमारा  येे आँखें  मेरी,  रात-दिन जागती हैं  तुझी से दिल की हर ख़ुशी मांगती हैं  तू ही 'हमसफ़र' मेरा, तू ही  सहारा तू ही दिल की 'धड़कन', तू ही दिल हमारा  तू ही है 'नज़र ' मेरी, तू ही नज़ारा  तू ही दिल की 'धड़कन', तू ही दिल हमारा

कांग्रेस आतंकवाद पस्त।

हिन्दू आतंकवाद, सच्चर कमेटी, सांप्रदायिक हिंसा बिल इन तीनों के जरिये भारत से हिन्दुओं को समाप्त करने की तैयारी थी कांग्रेस की। अफ़सोस इस बात का है कि आज भी बहुत से मूर्ख कांगियों पर भरोसा करतेl दो साल पहले इसी फेसबुक पर सवाल पूछा जा रहा था कि मोदी जी साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के लिए क्या कर रहे हैं। आज आप पूछ रहे हैं कि क्या चिदंबरम को गिरफ्तार करने की हिम्मत है मोदी में। इसका जवाब भी मिलेगा सबको। उम्मीद है। 📢 आज फिर इटालियन बारबाला रात भर रोयेंगीं ll पर क्या अब उनलोगों को सजा मिलेगी जो भगवा आतंकवाद का नाम दिया था........ क्या कोर्ट उनलोगों पर कोई कारर्वाई करेगी जो इस साजिस में सम्मिलित थे.......... क्या सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी उन नेताओ पर जो सरकार में रह कर आतंकवादियों को बचाने में साथ दिया था......... क्या उन अफसरों को सजा मिलेगी जो इसका सूत्रधार था......... क्या सोनिया को सजा मिलेगी.......... जब तक देशद्रोहियों की पहुंच सिस्टम के अंदर तक है......कई मासूम कर्नल पुरोहित  फंसाये जाते रहेंगे  । ज्यादतर को मालूम ही नहीं कि यह सब हुआ क्या था लेकिन कर्नल पुरोहित ...

मै सोच रहा हूँ।

सोच रहा हूँ..... पाकिस्तान में मुसलमानों को कौन मार रहा है ? अफगानिस्तान में मुसलमानों को कौन मार रहा है ? सीरिया में मुसलमानों की हत्या कौन कर रहा है ? यमन में मुसलमानों को कौन मार रहा है ? इराक में मुसलमानों को कौन मार रहा है ? लीबिया में मुसलमानों की हत्या कौन कर रहा है ? कौन है जो मिस्र में मुसलमानों को मार रहा है ? जो सोमालिया में मुसलमानों को मार रहा है ? बलूचिस्तान में भी मुसलमानों को मार रहा है ? अब मैं सोच रहा हूँ जब ये सभी देश इस्लामिक हैं... तब शान्ति कहाँ है ? मैं इस्लाम पर सवाल नहीं कर रहा हूँ, क्योंकि सभी लोग जानते हैं की इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है... लेकिन शांति रहस्यमय रूप से से गायब है....!! मुसलमानों का स्वभाव है वह जिस देश में रहते हैं उसी देश को बर्बाद और तबाह कर देते हैं। कोई इन से पूछे कि बताओ अफगानिस्तान, इराक, सीरिया, लेबनान, यमन और मिस्र को क्या बजरंग-दल या हिन्दू-महासभा ने बर्बाद किया है ? या वहां दंगा करने के लिए आर .एस. एस. के लोग गए थे? अजीब विडम्बना है , कुछ ग़द्दारों के लियें यहाँ इशरत "बेटी" है, कन्हैया "बेटा" है, ...

कांग्रेस तेरा " मान क्या अपमान क्या????"

कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला ने 50 रुपये के नए नोट पर मंदिर का चित्र दिए जाने से ऐतराज करते हुए सवाल किया है कि यह मुस्लिमो का सरासर अपमान है । यह देश मुसलमानो का भी है । तो फिर उस हरामजादे को नीचे दिए गए तथ्यों का भी जवाब देना चाहिए कि कांग्रेसियों ने अपने शासन काल में हमारे इतिहास के साथ ऐसा खिलवाड़ क्यों किया ? *सेक्युलरिज़्म के नाम पर हमारा महान इतिहास कैसे खत्म किया गया और हिन्दू कहना विवादित कैसे बन गया ??*🚩🚩🚩🚩 *1. स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य की जगह गांधी को महात्मा बोलकर हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…??????* *2. जो स्थान महान मराठा क्षत्रिय वीर शिवाजी को मिलना चाहिये वो क्रूर और आतंकी औरंगजेब को कैसे मिल गया ..????* *3.सवाई जय सिंह को “””महान वास्तुप्रिय””” राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार पर मिली …… ???* *4. महाराणा प्रताप “”महान””” ना होकर अकबर “””महान””” कैसे गया…?* *5. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर… जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया???* *6. तेजोमहालय- ताजमहल ,, लालकोट- लाल किला और फतेहपुर सीकरी का देव महल- बुलन्द दरवाजा कब क्यों और कैसे हो ...

गृहस्थ आश्रम

मनुष्य की उम्र औसतन सौ साल मानी गई है। इस हिसाब से जीवन को चार भागों में बांटा गया है। उम्र के पहले 25 वर्ष को शरीर, मन और बुद्धि के विकास के लिए निर्धारित किया गया है। इस काल में मनुष्य धर्म और अर्थ की शिक्षा लेता है। दूसरा गृहस्थ आश्रम माना गया है। गृहस्थ जीवन में व्यक्ति सभी तरह के भोगों को भोगकर परिपक्व हो जाता है। गृहस्थ जीवन में व्यक्ति अपने परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करता है। गृहस्थ एक ऐसा जीवन है, जिसे मनुष्य यदि प्रकृति के नियमों के अनुसार जिए तो वह पूरी दुनिया बदल सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि संपूर्ण मानव समाज का मूल आधार गृहस्थ जीवन ही है। अगर किसी भी तरह से गृहस्थ जीवन में गलतियां हो गईं तो मनुष्य का बाकी जीवन नर्क बन जाता है। गृहस्थ आश्रम में मनुष्य का वैवाहिक जीवन अति महत्वपूर्ण है। वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच समर्पण भाव का होना बहुत जरूरी है। यानी केवल अपनी सुख-सुविधाओं का नहीं, बल्कि जीवनसाथी के सुख-दुख को महत्व देना चाहिए। जब पति-पत्नी के बीच समर्पण भाव में कमी आती है तो उनके बीच प्रेम खत्म हो जाता है। इस स्थिति में पति खुद को तो पत्नी अपने आपक...

जनसंख्यावादी अल्पसंख्यक।

जिस मुस्लिम जनसंख्यावादी वृक्ष से हम जूझ रहे हैं, पाकिस्तान ने उस वृक्ष को पनपने ही नही दिया...... 1947 में भारत का विभाजन हुआ, और पाकिस्तानी सरकार ने हिंदु, ईसाई और सिक्खों का वोटिंग अधिकार समाप्त कर दिया, ताकि भविष्य में कोई भी राजनीतिक दल उनके वोटों के लालच में न पड जाऐं। इसके ठीक विपरीत हमारे देश में मुस्लिम वोटिंग अधिकार जारी रहा, और नतीजा हमारे सामने है । **   *** सिर्फ वोटों के लालच में 100 में से 75 हिंदु नेता, मुसलमानों के तलवे चाट रहे हैं। आज मुस्लिम वोट अधिकार समाप्त हो जाने दो, कल यही लालू, ममता, और केजरीवाल कट्टर हिंदु बन जाएंगें । वर्ना जिस हिसाब से मुस्लिम जनसंख्या बढ़ रही है, वो दिन दूर नही जब भारत के राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गीत को बदलने की मांग उठना शुरू हो जाऐगी । या तो मुस्लिम वोटिंग अधिकार समाप्त करो या फिर मुस्लिम जनसंख्या पर रोक लगाओ, वर्ना यह छोटी छोटी गलतियां -सदियों की सजा बन जाऐंगी । लेकिन पाकिस्तानियों की नाजायज़ ओलादों के भारत में रहते हुए क्या ये संभव हो पायेगा ?? ~~~~~~~~~~~~~~~~~~|================== बीजेपी ने 2 लाख मुसलमान लड़कों को ‘गायब...

इमोशनल ब्लैकमेलिंग।

गांधी वह हस्ती थे, जिन्होंने हिंदुओं को विधर्मियों के हाथों, क़त्ल और संतुष्ट होने तक बलात्कार झेलने की सलाह दी थी ! गांधी ने सत्य और न्याय की भीख मांगते हिंदुओं का कभी साथ नहीं दिया, बेशक हिंदुओं को मूर्ख बनाने के लिए #रामराज्य' की पीपनी बजाते रहे और मुसलमानों की हर नाजायज़ मांग को, अनशन और भूख हड़ताल जैसी इमोशनल ब्लैक मेलिंग कर, मनवाते रहे ! इसी धींगामुश्ती में वह परमानेंट #राष्ट्रपिता की पोस्ट पा गए !! ** ** मोहनदास करमचंद गांधी को गोली लगी, भीगे अनाज की बोरी की तरह वहीँ गिर पड़े, मुँह से कोई बोल फूटा ही नहीं, लेकिन किसी चालाक कांग्रेसी ने उड़ा दिया कि मरते समय 'हे राम' बोला था, तब हिंदुओं ने बेवजह ही गांधी को अपना आदर्श सनातन नेता मान लिया ! कवि प्रदीप ने तो एक 'हे राम' कहते हुए भजन ही ठोक दिया....। *कवि प्रदीप ने ही एक गाना और लिखा 'ज़रा आँख में भर लो पानी'... लता जी ने लाल किले के मंच से उपरोक्त गीत गाया, सभा में #आशिक_सम्राट नेहरू भी था ! कार्यक्रम के उपरांत नेहरू ने लता जी से कहा कि 'तुम्हारा गाना सुनकर मेरी आँखों में आंसू आ गए ' किसी प्रत्यद...

हिंदुस्तान में हिन्दू।

देश में सबके लिए एक कानून क्यों नही ? कोई तीन -चार शादियां करे , हम एक ? हम वंदे मातरम गाएँ , वो बैठै रहें , कहते हैं ईस्लाम के खिलाफ है। हिन्दू अमरनाथ यात्रा पर टैक्स दे, और वो हजयात्रा हमारे टैक्स के पैसे से करे  ? हमें 9 बजे गणपति पूजा पर लाऊड स्पीकर बंद करने को बोलें , औऱ वो पॉचों टाईम , सुबह 4 बजे अजान से मेरी नींद तोंडें ? **   *** क्या ये हिन्दुओँ के खिलाफ ऩही है ? हिन्दू अपने बच्चों को मेहनत का पैसा खर्च कर स्कूल में मॉर्डन एडुकेशन पढाते हैं, और सरकार पैसा देती है मदरसों को ईस्लाम पढाने के लिए , आखिर क्यों?? सोनू निगम,अक्षय कुमार, अनुपम खेर ., कंगना,अभिजीत आदि सभी खुलकर छद्म सेक्युलेरिज्म पर बोल रहे हैं , आप लोग कब बोलोगे ,? **   *** आई वॉन्ट कॉमन सिवील कोड। कानून सब के लिए एक....।। ===================================== म्यांमार से भागा रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश क्यों नहीं जाता, भारत क्यों आता है? सीरिया से भागा मुसलमान सऊदी अरब या ईरान क्यों नहीं जाता, यूरोप और इंग्लैंड कैसे पहुँच जाता है? फिलिस्तीन पर रोने वाले इतने मुस्लिम देशों में कोई भी ...

ट्रेन हादसा:~ साजिश या लापरवाही।

मीडिया ने सिर्फ एक चश्मदीद के बयान पे ये डिक्लेयर कर दिया कि रेल पे मरम्मत का काम चल रहा था और बारिश आ गयी तो रेल कर्मी खुली पटरी छोड़ भाग गए और उधर से 105 किमी. की स्पीड से रेल आ गयी । रेलवे का काम करने का एक तरीका है जिसे सख्ती से पालन किया जाता है । PWI मने Permanent Way Inspector नामक एक सीनियर अधिकारी जिसे 15 से 20 साल का अनुभव होता है वो रेल की पटरियों का निरीक्षण करता है । किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाए तो उसे अपने सीनियर अधिकारी को रिपोर्ट करता है । फिर विभाग इंजीनियरिंग विभाग को सूचित करता है । इंजीनियरिंग वाले ट्रैफिक को सूचित करते हैं और उनसे आवश्यकतानुसार ब्लाक या कॉशन लेते हैं । इस ब्लाक या कॉशन   की सूचना ट्रैफिक विभाग ASM यानी असिस्टेंट स्टेशन मास्टर  को देता है । उसी हिसाब से फिर ASM ट्रेनों का परिचालन करता है । परिस्थिति के अनुसार अगर ब्लाक हो तो दो तीन घंटे के लिए सभी गाड़ियां रोक दी जाती हैं या फिर अगर कॉशन हो तो 10 , 20 या 30 किमी. की रफ़्तार से प्रभावित एरिया से गाड़ी निकाली जाती है । स्टेशन पे गाड़ी रोक के बाकायदा आगे आने वाले सभी कॉशन की लि...

इसराइल, इसराइल क्यों है।

हम सब जानते हैं कि जब 1972 में इजराइल के  ओलिंपिक खिलाड़ियों को आतंकवादियों ने मार दिया था तब इस्राएल ने भी सबको खोज खोज कर मारा... लेकिन इसमें कई आश्चर्यजनक जानकारी भी है.. जैसे कि जिन आतंकियों ने इसरायली खिलाड़ियों के ऊपर हमला किया था.. उन सबको तो एयरपोर्ट पर ही मार दिया गया था... फिर खोज खोज कर किसको मारा गया था ? ?  कहानी तो वहीं एयरपोर्ट पर खत्म हो जानी चाहिए थी...  जब मुस्लिम आतंकियों को भागते समय इस्राएली कमांडो ने एयरपोर्ट पर घेर लिया.. उसी वक़्त खुद को घिरा देख एयरपोर्ट पर ही बंधक खिलाड़ियों को आतंकियों ने भून डाला.. इसके बाद इसरायली कमाण्डो ने 8 आआतंकवादियों को वहीं मार डाला..खेल खत्म हो चुका था... लेकिन नहीं इजराइल ने तो इसका बदला सैकड़ों को मार कर लिया..  उसने अपनी खुफिया एजेंसी मोसाद की मदद से उन सभी लोगों के कत्ल की योजना बनाई, जिनका वास्ता ऑपरेशन ब्लैक सेंप्टेंबर से था। इस मिशन को नाम दिया गया  ‘रैथ ऑफ गॉड’ यानी ईश्वर का कहर। दो दिन के बाद इजरायली सेना ने सीरिया और लेबनान में मौजूद फलस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन के 10 ठिकानों पर बमबारी की और करीब ...

लव जिहाद/जेहाद= असल फसाद

1200 हिन्दू लड़की गुम है! मित्रो केरल डीजीपी का कहना है की केरल में 1200  हिंदू लड़कियां लापता है संदेह है कि उन्हें लवजिहाद में फंसा कर आतंकवादी संगठनो को पहुंचा दिया गया है! मुसलमान लड़के हिंदू लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करते हैं और उनसे विवाह कर उन को धोखे में रखकर आतंकवादी संगठनों को पहुंचा देते हैं! इन अभागी लड़कियों को 1 दिन में 15 से 20 आतंकवादियों की वासना की भूख मिटानी पड़ती है जिसमें कई बार इनकी मौत भी हो जाती है! इन लड़कियों के मर जाने पर उनकी लाश को यह आतंकवादी जानवरों को नोच खाने के लिए यूं ही फेंक दिया करते हैं! यह सब घटनाएं संस्कारों को नहीं मानने वाली, धर्म के प्रति आस्था नहीं रखने वाली ,हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करने वाली, एकदम स्वतंत्र विचारों वाली लड़कियों के साथ हो रहा है! केरल की एक घटना को सही पाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस पर विश्वास ना करते हुए एन आई ए से इन सब घटनाओं की जांच कराने का आदेश दिया है! अभी तक सभी विपक्षी पार्टियां और हिंदू विरोधी मीडिया लव जिहाद को भाजपा और RSS का मनगढ़ंत आरोप लगाते रहे हैं! ...

अमावास्या के स्वामी 'पितर'

अमावास्या के स्वामी 'पितर' होते हैं। इस तिथि में चन्द्रमा की सोलहवीं कला जल में प्रविष्ट हो जाती है। चन्द्रमा का वास अमावास्या के दिन औषधियों में रहता है, अतः जल और औषधियों में प्रविष्ट उस अमृत का ग्रहण गाय, बैल, भैंस आदि पशु चारे एवं पानी के द्वारा करते हैं, जिससे वहीं अमृत हमें दूध, घी आदि के रूप में प्राप्त होता है और उसी घृत की आहुति ऋषिगण यज्ञ के माध्यम से पुनः चन्द्रादि देवताओं तक पहुँचाते हैं। वही अमृत फिर बढ़कर पूर्णिमा को चरम सीमा पर पहुँचता है; जैसा कि कथन है- कला षोडशिका या तु अपः प्रविशते सदा। अमायां तु सदा सोमः औषधिः प्रतिपद्यते।। तमोषधिगतं गावः पिबन्त्यम्बुगतं च यत्। तत्क्षीरममृतं भुत्वा मन्त्रपूतं द्विजातिभिः। हुतमग्निषु यज्ञेशु पुनराप्यायते शशी।। दिने दिने कला वृद्धिः पौर्णमास्यां तु पूर्यते।। वहीं छत्तीसगढ़ में भाद्रपद (अगस्त मास) की अमावस्या को  मूलत: खेती-किसानी से जुड़ा त्योहार पोला मनाया जाता है। इस दिन बैलों का श्रृंगार कर उनकी पूजा की जाती है। बच्चे मिट्टी के बैल चलाते हैं। इस दिन बैल दौड़ का भी आयोजन किया जाता है। और इस दिन में बैलो से कोई काम भी...